CAA पर हिंसा फैलाने वालों के लगे पोस्टर, प्रदर्शनकारी- यह भय का माहौल बनाने की कोशिश

CAA पर हिंसा फैलाने वालों के लगे पोस्टर, प्रदर्शनकारी- यह भय का माहौल बनाने की कोशिश

लखनऊ.सीएए के खिलाफ लखनऊ में हिंसक प्रदर्शन करने वालों की तस्वीरें सरकार ने होर्डिंग पर छपवा दी हैं। जिनकी तस्वीर इन होर्डिंग्स में छपी है, उन्हें डर सता रहा है। पूर्व आईपीएस एसआर दारापुरी, एक्टिविस्ट सदफ़ जफर और दीपक कबीर की तस्वीरें भी होर्डिंग पर छपी हैं।दीपक का कहना है- सरकार पर भय का माहौल बना रही है। डर है कि होर्डिंग्स में शामिल लोगों की कहीं भी मॉब लिंचिंग की जा सकती है।दिल्ली की हिंसा के बाद कहीं भी सुरक्षित माहौल नहीं रह गया है। सरकार सबको खतरे में डालने का काम कर रही है।

आरोप सरकार ने लगाया है, अदालत में साबित नहीं हुआ है: दारापुरी

पूर्व आईपीएस एसआर दारापुरी जिस पुलिस के डीआईजी थे आज उसी ने उन्हें दंगाई बताकर शहर में उनकी होर्डिंग्स लगा दी हैं। 76 साल के दारापुरी के लिए होर्डिंग में कहा गया है कि उन्होंने 19 दिसंबर को तोड़फोड़ की जिससे करीब 65 लाख रुपए का नुकसान हुआ, जो उन लोगों से वसूला जाएगा। दारापुरी का कहना है कि यह आरोप सरकार ने लगाया है। अदालत में साबित नहीं हुआ है और न ही वे फरार हैं। इसलिए ऐसी होर्डिंग्स गैरक़ानूनी हैं।

एसआर दारापुरी ने कहा कि ”यह मैं समझता हूं कि हम लोगों को बदनाम करने और हम लोगों को टारगेट करवाने के इरादे से हमारे पोस्टर लगाए गए हैं. इसमें हमारी मानहानि भी और हमारी लाइफ और लिबर्टी भी है, उसको भी बहुत बड़ा ख़तरा पैदा हुआ है. इस पॉइंट को लेकर इसको हम लोग हाईकोर्ट में चैलेंज करने जा रहे हैं।”

होर्डिंग्स लगाकर समाज में बदनाम करने का प्रयास

सदफ ज़फर जब अपनी तस्वीर वाली होर्डिंग के समीप पहुंचीं तो वहां जमा भीड़ ने उनकी तस्वीर से उन्हें पहचानकर उन पर घटिया कमेंट किए। होर्डिंग में तस्वीर छपने से उनकी बदनामी हुई है. वे एक्टिविस्ट हैं..दंगाई नहीं। उन्होंने कहा कि ”आप हमारा नाम पता दिखाकर उन जगहों पर होर्डिंग्स लगाकर जहां से हमारे बच्चे गुज़रते हैं, स्कूल जाते हैं, उनके दोस्त आते हैं, उनके मां-बाप जाते हैं, टीचर्स जाते हैं, आप समाज को दिखाकर किस तरह से बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। यह पूरी तरह से गैर कानूनी है।”

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