दिल्ली हिंसा: फ्रंट फुट पर डोभाल, अमित शाह करते रहे प्याज-तेल पर मंत्रियों के साथ बैठक

दिल्ली के उत्तर पूर्वी जिले में हुई हिंसा में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल फ्रंटफुट पर हैं। वह उपद्रवग्रस्त इलाकों का दौरा कर लोगों को आश्वासन दे रहे हैं कि ‘जो हुआ, सो हुआ, अब अमन रहेगा’, प्रधानमंत्री ने भी ट्वीट कर लोगों से शांति की अपील कर दी है। लेकिन जिनके मातहत दिल्ली की सुरक्षा व्यवस्था है, दिल्ली की पुलिस है, वह अमित शाह चुप हैं। खबर आई है कि वह प्याज और तेल के दाम पर मोदी सरकार के दूसरे मंत्रियों के साथ बैठक कर रहे हैं।

दिल्ली हिंसा में 22 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। ढाई सौ से ज्यादा लोग जख्मी हैं। करोड़ों की संपत्ति को आग के हवाले कर दिया गया। बेशुमार कारें, मोटरसाइकिलें, ऑटो रिक्शा, दुकानों, मकानों, धार्मिक स्थलों में तोड़फोड़ और आगज़नी हुई। लेकिन जिस शख्स के जिम्मे राजधानी दिल्ली की कानून व्यवस्था है, वह चुप है। तीन दिन की हिंसा के बाद संभवत: पीएमओ हरकत में आया, वह भी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भार की सीमा से निकलने के बाद। सीआरपीएफ से एसएन श्रीवास्तव की स्पेशल कमिश्नर के तौर पर नियुक्ति हुई, और एनएसए अजित डोभाल 25-26 की रात में ही लाव-लश्कर के साथ उपद्रवग्रस्त इलाकों के दौरे पर पहुंच गए। पुलिस के आला अधिकारियों के साथ बैठक की और दिशा निर्देश दिए।

बुधवार को भी अजित डोभाल उन्हीं इलाकों में पहुंचे और लोगों से मिलकर उन्हें भरोसा दिलाया कि अब सब ठीक रहेगा।


हालांकि मंगलवार को खबरें आई थीं कि गृहमंत्री अमित शाह ने दिल्ली के हालात पर गृह मंत्रालय के अफसरों और दिल्ली पुलिस के अफसरों के साथ लंबी बैठक की। लेकिन इस बैठक में क्या हुआ, किसी को कुछ नहीं पता। न तो अमित शाह का कोई बयान आया और न ही यह पता लगा कि गृहमंत्री ने दिल्ली हिंसा के मामले में क्या एक्शन लेने के निर्देश किसको दिए हैं।

इस बीच अदालत ने भी सवाल उठाए कि ‘दिल्ली जल रही है और पुलिस एक्शन में क्यों नहीं है?’ कांग्रेस ने भी सवाल उठाए कि दिल्ली हिंसा की लपेट में हैं और अमित शाह कहां हैं? इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ट्वीट करके लोगों से शांति की अपील करते हैं। लेकिन वह भी तब कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पूछा कि आखिर सरकार है कहां?

इस दौरान खबर आई कि एनएसए अजित डोभाल उपद्रव इलाकों का दौरा करने के बाद गृहमंत्री अमित शाह से मिलने पहुंचे हैं। जाहिर है उन्होंने उत्तर पूर्वी दिल्ली के हालात के बारे में बताया होगा।


लेकिन जो खबर सबसे ज्यादा चौंकाती है, वह है केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मसरूफियत। न्यूज एजेंसी एएनआई ने खबर दी कि अमित शाह केंद्रीय मंत्रियों राम विलास पासवान, नरेंद्र सिंह तोमर और पीयूष गोयल के साथ प्याज, खाने का तेल, दालों और दूसरे खाद्य पदार्थों के बारे में बैठक कर रहे हैं। इसमें कोई हर्ज भी नहीं है। आखिर सरकार की जितनी भी समितियां हैं उनमें से ज्यादातर में अमित शाह या चेयरमैन की हैसियत से या फिर मंत्री की हैसियत से शामिल हैं। लेकिन ऐसे समय में जब देश की राजधानी दिल्ली को गृह मंत्री की सबसे ज्यादा जरूरत है, वह चुप हैं।


कांग्रेस ने दिल्ली हिंसा पर सरकार से सवाल पूछे हैं और यह भी पूछा है कि आखिर गृह मंत्री अमित शाह कहां हैं। कांग्रेस ने पूछा है कि:

  • पिछले रविवार से देश के गृह मंत्री कहां थे?
  • दिल्ली चुनाव के बाद खुफिया एजेंसियों द्वारा क्या जानकारी दी गई और उन पर क्या कार्रवाई हुई?
  • रविवार की रात से कितनी पुलिस फोर्स लगाई गई?
  • केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को क्यों नहीं बुलाया गया?


कांग्रेस ने अमित शाह के इस्तीफे की मांग करते हुए कहा कि, “दिल्ली में आज हिंसा, भय और नफरत का माहौल बना हुआ है। आवश्यकता है कि तुरंत प्रभाव से ऐसे कदम उठाए जाएं, जिससे दिल्ली में अमन-चैन और भाईचारा लौट सके।”


कांग्रेस ने मांग की कि पर्याप्त सुरक्षा बलों को तुरंत तैनात किया जाना चाहिए। हर मुहल्ले में शांति समितियों का गठन किया जाना चाहिए।

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