कोरोना वायरस- 39 साल पुराने क्राइम नॉवेल के पन्ने क्यों हो रहे हैं वायरल

कोरोना वायरस- 39 साल पुराने क्राइम नॉवेल के पन्ने क्यों हो रहे हैं वायरल

चीन मैं कोरोना से मंगलवार को 100 और लोगों की मौत हो जाने से संक्रमण से मरने वालों की संख्या मंगलवार को 1,900 हो गई और अभी तक इसके कुल 72,436 मामलों की पुष्टि हो चुकी है।

अमेरिकी लेखक के उपन्यास की चर्चा सोशल मीडिया में जोरों पर है। डीन कोन्टोज की लिखी थ्रिलर नॉवेल ‘द आइज ऑफ डार्कनेस’ में कोरोना से मिलते जुलते वायरस का जिक्र है। चीन के वुहान शहर में शुरू हुआ कोरोना वायरस विश्व के कई देशों में फैल चुका है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे ग्लोबल वायरस करार दिया है।

यह जानलेवा कोरोना वायरस चीन के वुहान शहर में तबाही मचा दिया है। सबसे अधिक संक्रमित लोग इसी शहर में हैं। इस बीच सबके सामने सच्चाई आई है कि 39 साल पहले एक थ्रिलर उपन्यास में वुहान वायरस की भविष्यवाणी की गई थी। एक थ्रिलर उपन्यास, द आइज ऑफ डार्कनेस, जिसे 1981 में डीन कोन्टोज ने लिखा था, ने वुहान -400 नामक एक वायरस का उल्लेख किया था।

https://twitter.com/ManishTewari/status/1228982903356436480/photo/1

कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने भी पुस्तक का एक अंश साझा किया है और लिखा है कि ‘क्या कोरोना वायरस एक जैविक हथियार है, जिसे चीन के वुहान -400 नाम से विकसित किया गया है? यह पुस्तक 1981 में प्रकाशित हुई थी।

इस बीच, कोरोना वायरस को लेकर सोशल मीडिया पर उपन्यास द आइज ऑफ डार्कनेस वायरल हो रहा है। थ्रिलर उपन्यास में कोरोना वायरस को एक प्रयोगशाला में एक हथियार के रूप में बनाने की बात कही गई है। इस उपन्यास में लिखी गई वो लाइन शेयर की गई है, जिसमें वुहान-400 वायरस का उल्लेख किया गया है।

 

आज से 39 साल यानी 1981 में पहले अमेरिकी उपन्यासकार डीन कोन्टोज ने द आइज ऑफ डार्कनेस नाम की सस्पेंस थ्रिलर उपन्यास लिखा था। सस्पेंस थ्रिलर उपन्यास में कोरोना वायरस की तरह की एक महामारी का जिक्र है। सोशल मीडिया में लोग उस पेज को शेयर कर रहे हैं, जिसमें कोरोना वायरस की तरह एक महामारी का जिक्र है।इस उपन्यास में कोरोना वायरस की तरह की महामारी को वुहान-400 नाम दिया गया है। उपन्यास में लिखा गया है कि वुहान-400 के पास इतनी ताकत है कि वो मानव जाति को खत्म कर दे। नॉवेल में इसे चीन द्वारा बनाया जैविक हथियार बताया गया है।इन थियरीज में दबे-छिपे कहा जा रहा है कि चीन के वुहान से फैला यह वायरस शहर की किसी लैब के जरिए लोगों में फैलना शुरू हुआ है। सोशल मीडिया में कोविड19 को जैविक हथियार के रूप में भी बताया जा रहा है। चीनी राज्य हूबेई की राजधानी वुहान कोविड 19 वायरस के प्रसार का केंद्र बना हुआ है। चीन से बाहर भी कई लोगों की इस वायरस से मौत हो चुकी है।ट्विटर पर यूजर्स ने कई ऐसे ट्वीट किए हैं, जिसमें किताब में जिस वायरस का जिक्र है उसमें और वुहान से फैले वायरस में समानताएं बताई गई हैं। जैविक हथियार वुहान-400 1981 में प्रकाशित बेस्ट सेलिंग नॉवेल रह चुके ‘द आइज ऑफ डार्कनेस’ में एक चीनी मिलिट्री लैब की कहानी बताई गई है, जो कि अपने जैविक हथियार कार्यक्रम के तहत एक वायरस का निर्माण करती है।नेस की किताब में लिखा है, ”वे इस सामग्री को वुहान-400 कहते हैं क्योंकि इसे वुहान शहर के बाहर उनकी आरडीएनए लैब में बनाया गया है और यह उस रिसर्च सेंटर में बना मानव निर्मित सूक्ष्मजीवों का चार सौवां भाग है।” सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्वीट में यूजर्स लिख रहे हैं, ”क्या कोरोना वायरस चीनियों द्वारा तैयार किया हुआ एक जैविक हथियार वुहान-400 है?

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