नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के विरोध में शाहीन बाग की महिलाओं का सत्याग्रह जारी है। सर्द रात की परवाह किए बिना सैकड़ों महिलाएं सड़क पर अपने छोटे-छोटे मासूम बच्चों के साथ धरने पर बैठी हैं।
अमर उजाला पर छपी खबर के अनुसार, धरने पर बैठीं महिलाओं के समर्थन में प्रख्यात लेखिका अरुंधति राय शनिवार को शाहीन बाग पहुंचीं। इस दौरान उन्होंने प्रदर्शनकारियों से कहा कि पूरा देश आपके साथ है।
Salaam to the women and children of Shaheen Bagh for showing our country how to to bring the Constitution home and into our hearts. This was a joy and a privilege. pic.twitter.com/Bp73imXCj5
— Karuna Nundy (@karunanundy) January 10, 2020
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आप अपनी लड़ाई जारी रखें। अरुंधति ने कहा कि पूरी दुनिया में शाहीन बाग के प्रदर्शन की चर्चाएं हो रही हैं। अरुंधति ने भूख हड़ताल पर बैठी मेहरुन्निसा से भी मुलाकात की। कुछ देर वहां रुकने के बाद राय जामिया के लिए रवाना हो गई।
The Children of Protest at Shaheen Bagh https://t.co/5c0mhAhcOX pic.twitter.com/WabcTM2k28
— TwoCircles.net (@TCNLive) January 10, 2020
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धरना-प्रदर्शन में मौजूद महिलाएं परिवार, घरेलू कामकाज व अन्य जिम्मेदारियों के बीच सामंजस्य बैठाते हुए लगातार अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही हैं।
#ShaheenBagh. 27 days. pic.twitter.com/eIT2imXRwz
— barkha dutt (@BDUTT) January 11, 2020
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धरने-प्रदर्शन को अपने अधिकारों की लड़ाई बताकर वे अपनी मांगों को लेकर भी काफी सख्त दिख रही हैं। उनका कहना है कि गांधी जी के रास्ते पर चलते हुए उनका सत्याग्रह जारी रहेगा।
When you think of revolutionaries, stop thinking of men.
Remember the women. Remember that they hold each other in the cold night in the streets, and they laugh. #ShaheenBagh pic.twitter.com/fEpCC8IFPZ
— Naomi Barton (@therealnaomib) January 5, 2020
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महिलाओं का कहना है कि जब तक सरकार उनकी बात नहीं सुनेगी तब तक प्रदर्शन जारी रहेगा। दिल्ली ही नहीं देश के दूसरे राज्यों से भी आकर महिलाएं प्रदर्शन में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही हैं।
पहले दिन से प्रदर्शन का नेतृत्व कर रही शाहीन कौसर ने बताया कि रोज धरने-प्रदर्शन की शुरुआत संविधान की प्रस्तावना से की जाती है। अंग्रेजी और हिंदी में सभी लोग एक साथ संविधान की प्रस्तावना पढ़ने के बाद उसकी रक्षा करने की शपथ लेते हैं।
शाहीन ने बताया कि पूरी दुनिया की मीडिया में शाहीन बाग के प्रोटेस्ट की चर्चा है। पूरे देश से लोग इस प्रदर्शन में शामिल होने के लिए आ रहे हैं, लेकिन केंद्र सरकार आम लोगों की आवाज सुनने को तैयार नहीं है।
छतरपुर से अपनी दो साल की बेटी के साथ प्रदर्शन में हिस्सा लेने आई मुबीना ने बताया कि उन्हें जब भी समय मिलता है, वह देश और अपनी संस्कृति बचाने के लिए यहां आ जाती हैं।
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