कोलकाता में नागरिकता अधिनियम के खिलाफ धरने पर बैठी समीदा खातून की मौत

कोलकाता में नागरिकता अधिनियम के खिलाफ धरने पर बैठी समीदा खातून की मौत

दिल्ली के शाहीनबाग की तरह कोलकाता के पार्क सर्कस मैदान में संशोधित नागरिकता अधिनियम के खिलाफ धरने पर बैठी महिलाओं में से एक की मौत हो गई है.मृतका की पहचान समीदा खातून (57) के रूप में हुई है.पिछले 26 दिनों से यहां 60 से अधिक महिलाएं संशोधित नागरिकता अधिनियम (सीएए) और एनआरसी के प्रस्तावित क्रियान्वयन के खिलाफ धरने पर बैठी हुई हैं.समीदा खातून पिछले सात दिसंबर से धरने पर बैठी हुई थी.शनिवार देर रात उसके सीने में अचानक दर्द हुआ.पहले उसे इस्लामिया अस्पताल ले जाया गया जहां से चितरंजन अस्पताल में रेफर कर दिया गया.वहां जांच के बाद चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया.

एक आंदोलनकारी महिला ने बताया कि समीदा खातून को उच्च रक्तचाप और डायबिटीज की बीमारी थी.बावजूद इसके वह धरने में शामिल हुई थीं और वहीं पर उसकी तबीयत बिगड़ी.इस घटना के बाद पार्क सर्कस मैदान में धरने पर बैठी महिलाओं के बीच शोक की लहर पसर गई है.महिलाओं ने निर्णय लिया है कि इसे लेकर कोई शोर-शराबा नहीं कर मौन आंदोलन जारी रहेगा.

नागरिकता अधिनियम के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग में भी लंबे समय से महिलाएं धरने पर बैठी हुई हैं.उसी आंदोलन को समर्थन करने के लिए कोलकाता के मुस्लिम बहुल क्षेत्र पार्क सर्कस इलाके के मैदान में भी 60 महिलाएं पिछले 26 दिनों के धरने पर हैं.इनमें से अधिकतर गृहणियां हैं.लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम, माकपा नेता मोहम्मद सलीम के अलावा कई सेलिब्रिटी भी धरनास्थल पर जाकर इन महिलाओं के आंदोलन का समर्थन कर चुके हैं.

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