जिस राणा कपूर ने यस बैंक का बेड़ा गर्क किया, क्या IT सेल वाले उसके लिए भी भारत रत्न की मांग करेंगे?
जिस आदमी ने यस बैंक का बेड़ा गर्क किया है वो एक समय में अर्थव्यवस्था का बड़ा जानकार था। मोदीनोमिक्स को सर्टिफिकेट दे रहा था। राणा ने नोटबंदी जैसे आर्थिक घपले को तीसरे दिन ही मास्टर स्ट्रोक बता रहा था। आईटी सेल वाले राणा कपूर को भारत रत्न दिलाने के लिए हैशटैग चला सकते हैं।
क्या है राणा कपूर का मामला?
राणा कपूर भारतीय कॉर्पोरेट वर्ल्ड के बड़े खिलाड़ी माने जाते हैं. यस बैंक की शुरूआत 2004 में राणा कपूर ने अपने एक रिश्तेदार के साथ मिलकर की थी. 1000 से ज़्यादा शाखाओं और 1800 से ज़्यादा ए.टी.एम वाला यस बैंक देश का चौथा सबसे बड़ा निजी बैंक है.
राणा कपूर ने 2016 में मोदी सरकार द्वारा लायी गई नोटबंदी के लिए तारीफ की झड़ी लगा दी थी. साल 2018 में आर.बी.आई को येस बैंक की बैलेंस शीट और एन.पी.ए में गड़बड़ी लगी. इसलिए राणा कपूर को आर.बी.आई ने हटा दिया था. राणा के हटने के बाद भी यस बैंक की स्थिति और भी गिरती गई. सरकार जब विनिवेश के नशे में मशगूल है, तब देश के निजी बैंकों की हालत पस्त है!
‘यस बैंक संकट’ का जिम्मेदार राणा कपूर है, जो मोदी को अर्थशास्त्री और नोटबंदी को अच्छा बताता था
एक ओर भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने यस बैंक के ग्राहकों को भरोसा दिलाया है कि ये संकट जल्दी ही खत्म होगा. वहीं दूसरी तरफ सरकार 28 पी.एस.यू को बेचने को तैयार बैठी है.
निजी क्षेत्र की कंपनियां एक के बाद एक धराशायी हो रही हैं. पर सरकार को अभी भी निजीकरण का भूत सवार है. जेट एयरवेज़, पी.एम.सी बैंक, एयर इंडिया और अब येस बैंक इसके गवाह हैं. इस लिस्ट की भविष्य में बढ़ने की संभावनाएं प्रबल हैं.
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